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छाता से लेकर कंचनपुर सरफा नदी का क्षेत्रफल पंकज का चल रहा अवैध उत्खनन रेत का खेल।

अवैध उत्खनन रोकने के लिए डेविड जैसे बडे माफियाओं पर शासन कार्यवाही कर शिकंजा कसे सूत्रधार।

दलाल से दादा बना माफिया डेविड, पटवारी हत्याकांड मामले में जांच से निकल कर बाहर आ सकते हैं गुनाहगार।

भाजपा सरकार तोड पायेगी कांग्रेस समर्थक खनन माफिया डेविड का मैनेजमेंट जाल।

अवैध उत्खनन कारोबार का चल रहा व्यापार नरवार, पटासी और श्याम डीह क्षेत्र में संभाल रहे हैं खान।

रात के अंधेरे से दिन के उजाले तक किया जा रहा रेत का अवैध उत्खनन का काला कारोबार।

मैनेजमेंट का संभाला मोर्चा, माफियाओं ने बांटी मुख्यालय की तमाम अवैध उत्खनन रेत खदाने।



रिपब्लिक न्यूज।।

शहडोल // मुख्यालय अंतर्गत आने वाले तीनों जिलों में रेत का टेंडर ना होने की वजह से कई शासकीय निर्माण कार्य रुके हुए थे निर्माण करता ठेकेदार के ऊपर गाज गिरता जा रहा था ऐसे में फरिश्ता बनकर अवैध रेत उत्खनन माफियाओं ने मोर्चा संभालते हुए जिला मुख्यालय के सोहागपुर थाना अंतर्गत अपने अपने क्षेत्रों में सोन और सरफा नदी के घाटों पर रेत खदानों का बटवारा स्थानीय माफियाओं ने किया, हालांकि यह मुश्किल कार्य था लेकिन खनन माफियाओं ने हार नहीं मानी और कई दिनों की कड़ी मेहनत के बाद नरवार पटासी, श्याम डीह और नवलपुर धनगवा घाट हेतु सिर्फ चहेते चुनिंदा माफियाओं को मध्यरात्रि से हरी झंडी दिखाई गई।

उन भ्रष्ट कर्मचारियों से जो जिले के ईमानदार अधिकारियों की साख पर बट्टा लगाने का काम कर रहे हैं।

बहुचर्चित मामला देवलोंद थाना क्षेत्र अंतर्गत एक पटवारी हत्याकांड को कुछ ही दिन बीते हैं इसके बावजूद जिला मुख्यालय के स्थानीय थाने में पदस्थ बहुचर्चित पुलिस कर्मचारी एक बार फिर थाना क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न खदानों के अवैध रूप से संचालन को लेकर चर्चा में आया। कर्मचारी के हौसले इस कदर बुलंद रहे की अपनी लालच को परिपूर्ण करने स्थानीय प्रभारी से मिलकर उसने काली रात में सुनहरे रेत के काले कारोबार को फिर से हरी झंडी दिखाई गौरतलब है कि ब्यौहारी के गोपालपुर में पटवारी की अवैध कारोबार परिवहन ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या के बाद मुख्यालय में भी लगभग रेत का अवैध उत्खनन परिवहन बंद हो चुका था जोकि कुछ दिन और रात बंद था। लेकिन कुछ ही दिनों बाद से विधिवत प्रारंभ हुआ और चर्चा में आया सोहागपुर, सिंहपुर और बुढार थाना में पदस्थ बहुचर्चित बीट प्रभारियों कि कार्यशैली।

सिंहपुर थाना क्षेत्र छाता, उधिया, और कंचनपुर क्षेत्र से निकलने वाली सरफा नदी के कई घाट से रेत का अवैध उत्खनन कारोबार किया जा रहा संचालित।

स्थानीय निवासी और रेत का उत्खनन कर रहे मजदूरों ने बताया यह काम पंकज श्रीवास्तव नामक व्यक्ति का है जो यहां से रेत ट्रैक्टर के माध्यम से निकलवा रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईमानदार पुलिस कप्तान की नजरों में धुल झोंक कर थाना में पदस्थ बीट प्रभारी और अवैध कारोबार स्थानीय निवासियों के मिली भगत से किया जा रहा है। 

बुढार थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत लालपुर स्थित खडगडी घाट से अवैध उत्खनन कर रेत का व्यापार पुनित कार्य किया जा रहा है।

पटवारी हत्याकांड के बाद अवैध रेत उत्खनन लगभग बंद हो गया था लेकिन इस बार पद्धति यह अपनाई गई की गाड़ियों की संख्या कम कर घाटों की संख्या बढ़ा दी गई। जिसमें विधिवत यह तय हुआ कि सोहागपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न खदानों में अलग-अलग जगहों से महज 5 से 6 मिनी ट्रक एवं कुछ ट्रैक्टर ही रात भर रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन करेंगे और इसके अलावा कोई अन्य वाहन घाट में ना भटके इसके लिए विभिन्न घाटों में एक-एक खनन माफिया विशेषज्ञ की तैनाती भी की गई। इसी माफिया-विशेष की जिम्मेदारी यह होगी की विभिन्न वाहनों से तय किए गए शुल्क की वसूली प्रतिदिन के अनुसार संबंधित विभाग के पास तक पहुंचाना, इतना ही नहीं यदि तय किए गए अवैध घाटों के अलावा किसी अन्य घाट से कोई रेत का परिवहन करता है तो उस पर प्रभारी द्वारा गठित विशेष टीम द्वारा तत्काल प्रभाव से कार्यवाही भी किया जाना निश्चित होगा।

स्थानीय विशेष सूत्र अनुसार प्राप्त जानकारी इन्हें मिली मैनेजमेंट की जिम्मेदारी।

बुढार थाना अंतर्गत जारवाही क्षेत्र से निकलने वाली सोन नदी के कई घाट से ऋषि सुजीत और बीट प्रभारी के मिली भगत से रेत का अवैध उत्खनन कर परिवहन व्यापार किया जा रहा है जिसमें संबंधित विभाग और स्थानीय प्रशासन के कार्य शैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

बहुचर्चित वसूली किंग कहे जाने वाले ने विभिन्न अवैध रेत की खदानों पर अपने विशेष नुमाइंदों की तैनाती की है। इसमें सबसे पहले नरवर अवैध खदान की जिम्मेदारी स्थानीय माफिया को दी गई है। मिनी ट्रक के अलावा अन्य 5-6 मिनी ट्रक संचालक और एक अन्य लाल साहब का नाम शामिल है इसके अलावा कोई भी ट्रैक्टर संचालक बिना अनुमति से अवैध खनन और परिवहन में भागीदार बन पाएगा। तो इसी तर्ज पर पटासी और श्याम डीह क्षेत्र के घाटों की जिम्मेदारी बीट प्रभारी और पूरे खेल का मास्टर माइंड बताये जाने वाले रहमान को मिली है तो पटासी और श्याम डीह से कुछ अन्य लोग काम कर सकेंगे ट्रैक्टरों के लिए नियम सभी की भांति ही लागू होगा। इसी तरह नवलपुर के धनगवा घाट का मामला यह है इसकी जिम्मेदारी लक्की को सौंपी गई है यहां से अन्य माफिया काम करेंगे।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार कई माह देर शाम जिला मुख्यालय के तमाम डग्गी एवं ट्रैक्टर संचालकों तक दूरी पर रेट सूची व अन्य माध्यमों से पहुंचाई गई जिसमें यह बात निकल कर सामने आई की उल्लेखित विभिन्न अवैध घाटों से प्रति डग्गी प्रतिदिन 24 घंटे के हिसाब से गिनती नहीं है लेकिन डिग्गी मालिक के लिए 5000 रुपये तय किया गया है। और यहीं काम यदि कोई महीने में बीट प्रभारी से तय करता है तो उसे भारी डिस्काउंट अर्थात मात्र ₹50000 महीने में खुली छूट दी जाएगी। तो महीने की स्कीम का लुफ्त उठाने वालों में सिंहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पंकज श्रीवास्तव एवं अन्य लाल साहब बताये जा रहे हैं। इसके अलावा ट्रैक्टरों से प्रतिदिन कई टाली रेत उत्खनन की बात निकाल कर सामने आई है।

ट्रैक्टरों के लिए महीने की कोई स्कीम नहीं बताई जा रही है। बताया यह भी जा रहा है की माफियाओं द्वारा ट्रैक्टर और डग्गी में इस प्रकार का भेदभाव और ट्रैक्टरों के लिए महीने का हिसाब ना होने से ट्रैक्टर मालिकों में हताशा और निराशा भी है।

थानाप्रभारियों की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल।

कुछ माह पूर्व सोहागपुर थाना की कमान भूपेंद्रमणि पांडे द्वारा संभाली गई तब से अब तक सोहागपुर पुलिस विभिन्न मामलों में कार्यवाही न करने व साठगांठ से अवैध कारोबार संचालित करने को लेकर जन चर्चाओं से घिरी रही, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि जिस प्रकार से दलाल और कथित माफिया सोहागपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत मैनेजमेंट और कार्यवाही न होने का दाम बढ़ते नजर आ रहे हैं। कहीं ना कहीं थाना प्रभारी की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे है क्यों की कथित मैनेजमेंट किंग सोहागपुर थाने की गारंटी तो माफियाओं को दे रहा है, लेकिन साथ ही कोतवाली थाना प्रभारी की ईमानदारी की जिम्मेदारी न लेने की बात कह रहा, वहां साहब ईमानदार है इसलिए जिम्मेदारी वाहन मालिकों की होगी। 

वहीं सूत्रों की माने तो कथित मैनेजमेंट का भुगतान देख रहे पंकज श्रीवास्तव और उस क्षेत्र के बीट साहब के इस घटना क्रम की जानकारी लोकप्रिय संवेदनशील कप्तान को नही है फिर भी आल इस वेल का दम भर रहे हैं।

खाकी को किया जा रहा तार तार।

रेत के अवैध उत्खनन कारोबार व्यापार के लिए इस प्रकार से सिस्टम बैठाकर अवैध उत्खनन से कहीं ना कहीं स्थानीय बीट प्रभारी पुलिसकर्मियों की वजह से खाकी की छवि धूमिल होती नजर आ रही है। अक्सर होता यही है कि इसी प्रकार से अलग-अलग घाटों में गिनती की गाड़ियां तैनात कर स्थानीय  मैनेजमेंट का सिस्टम बैठाते हैं और छवि धूमिल पूरी खाकी होती है। हालांकि अवैध उत्खनन रोकना पुलिस का प्राथमिक दायित्व ना होकर खनिज विभाग का दायित्व है।

लेकिन कोई भी अवैध कारोबार हो जैसे शराब हो या रेत या फिर जुआं एक्टिव सिर्फ पुलिस विभाग है इसलिए बात सभी पुलिस विभाग की ही करते है। ऐसे में जरूरी है कि ऐसे भ्रष्ट पुलिस कर्मियों को चिन्हित कर पुलिस कप्तान इन्हें कार्यालय में पदस्थापित करें ताकि इस प्रकार के अवैध कारोबार पर अंकुश लग सके और कोई भी पुलिस की ईमानदारी पर सवाल ना खड़ा कर सके।

संबंधित विभाग अधिकारी से संपर्क किया गया लेकिन किसी भी प्रकार से बात मुलाकात नहीं हुआ। 

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