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भ्रष्टाचार का रचा नया इतिहास पांडे शिक्षा समिति के संचालक ने बताया यह बात, लोकायुक्त की जांच रिपोर्ट कलेक्टर कार्यालय के रद्दी की टोकरी में।

कामयाब रहा भ्रष्टाचार विजन नहीं आया काम लोकायुक्त जांच रिपोर्ट विजन।

मध्यप्रदेश के वरिष्ठ कार्यालय से लेकर जिला प्रशासन तक अपने भ्रष्टाचार के कार्यकुशलता का परचम लहरा चुके है संचालक।

जिला में बढ़िया प्रदर्शन के साथ प्रदेश के पूरे आदिवासी  कार्य विभाग का रहा प्रभार।

मध्यप्रदेश में चला पांडे मैजिक, पुर्व प्रभारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने व्यूह रचना और करोड़ों रुपए फर्जी राशि का भुगतान परचम लहराया।


रिपब्लिक न्यूज।।

शहडोल // मुख्यालय जिला प्रशासन के शासकीय कार्यालयों में कोई भी अधिकारी या संगठन किसी भी राशि में तभी भ्रष्टाचार में कामयाब होता है जब उस कार्यालय के कार्यकर्ता एकजुट होकर काम करें। सभी पूरी एकाग्रता के साथ क्षेत्र और नगर में भ्रष्टाचार विकास की नींव रखें और उसे पूरा करने में निरंतर जुटे रहें। और ऐसी ही सक्रियता दिखाई है। की सभी जानकारी क्लीन स्वीप किया गया हो वह इस बात का प्रमाण है कि जिले में आज भी वैसी ही है, जैसे पहले थी। तभी भ्रष्टाचार में कामयाब रहे।

कर्मचारियों के बीच लोकप्रिय अधिकारी बने रहे।

युवावस्था से लेकर अब तक की एक-एक गली को अच्छी तरह से जाना और पहचाना। यही नहीं लोगों के बीच जिस विश्वास के साथ जुड़ाव के लिये पहुंचे लोगों ने उन्हें उतना ही मान-सम्मान और अपनापन दिया। यही कारण है कि आज वे लोकप्रिय भ्रष्टाचार अधिकारी बन गये। बताया जाता है कि जो लोगों के मन में बसते हैं। यही कारण है कि  मिलते ही लोगों ने उन्हें विजेता मान लिया था और उन्हें जिला के सभी कर्मचारियों ने आश्वस्त भी कर दिया था।

अधीक्षक अधीक्षिकाओं के भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते रजनीश।

निजी शिक्षण संस्था भुगतान के लिए फोन पे पत्नी को बनाया प्रभारी, छात्रावास भुगतान के लिए भाई को बनाया वसुली प्रभारी।

विभागीय विशेष सूत्रों अनुसार प्राप्त जानकारी जिला अंतर्गत आने वाले निजी शिक्षण संस्थाओं से प्रत्येक माह जो कमीशन की राशि का भुगतान पत्नी के खाता में फोन पे के माध्यम से लेते हैं और वही छात्रावास की भुगतान के लिए भाई को बनाया वसूली प्रभारी। जिला प्रशासन के द्वारा रजनीश दुबे कंप्यूटर ऑपरेटर के पत्नी और भाई के नाम से संचालित खातों की जांच की जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा और किसके सह पर इनके भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है यह भी साफ हो जाएगा।

किसके सह पर रजनीश दुबे कंप्यूटर ऑपरेटर इस महा  घोटाले को अंजाम दे रहे हैं।

एक दैनिक वेतन कर्मचारी कंप्यूटर आपरेटर की भी जांच किया जाए तो यह भी सच्चाई सामने आ सकता है इनके द्वारा जो गाड़ी का भुगतान किया जाता है उस गाड़ी का भुगतान कहा से किया जाता है और कितने रुपए प्रति माह किया जा रहा है।

दो दशक पहले रखी नींव के दिखने लगे परिणाम।

दरअसल जनता के बीच प्रेम और स्नेह का जो भाव आज भ्रष्टाचारी अधिकारियों में दिखता है वह आज का ही नहीं है। इसकी नींव लगभग चार दशक पहले रख दी थी जब वे संयोजक की राजनीति में सक्रिय हुए। उन्होंने पूरी सक्रियता के साथ जिले के विकास, युवाओं के रोजगार, स्व-रोजगार,  शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं की नींव रखी और धीरे-धीरे जिला को वह सब कुछ दिलवाया जिसके लिये और वहां के लोग हकदार थे। शहर और जिला में भ्रष्टाचार स्वच्छता के लिये लोगों को प्रेरित किया और जागरूक करते हुए स्वच्छता को अपनाने का आह्वान किया।

निरंतर भ्रष्टाचार  विकास को समर्पित रहा क्षेत्र संयोजक का कार्य भार।

राजनीति से लेकर, पहले संगठन, फिर पार्टी और कैबिनेट मंत्री के तौर पर भ्रष्टाचार अधिकारियों ने जो कार्य किये हैं वह आज जनता के सामने हैं। यही कारण है कि जिले में न सिर्फ वह खुद बल्कि अन्य कार्यों पर भी उन्होंने सबको सफलता दिलवाई। आज बिजनेस हब बन गया है, इसे मिनी मुंबई का ताज मिला है। देश में स्वच्छ शहर होने का जो गौरव भ्रष्टाचार का मिला है वह जनता की सक्रियता, और राजनेताओं के प्रोत्साहन और सरकार के सहयोग से संभव हुआ है।

जिला मुख्यालय के बाहर भी दिखाया भ्रष्टाचार संगठनात्मक शक्ति।

अगर हम पुर्व प्रभारी सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग की कार्यकुशलता की बात करते हैं तो इस बात का जिक्र करना आवश्यक होगा कि वह क्षेत्र संयोजक पुर्व प्रभारी सहायक आयुक्त एम एस अंसारी ही हैं जिन्होंने अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्था पांडे शिक्षा समिति जैसे संस्था में कार्यरत कर्मचारी शिक्षकों के पांचवें वेतन मान एरियर राशि को भेदने का साहस दिखाया और शासकीय राशि का दुरुपयोग और अपने पद का उपयोग करते हुए संस्था के खातों में भुगतान किया। जिला कलेक्टर ने उन पर भरोसा कर उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी। इसके साथ ही इससे पहले उन्हें क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया था। वहां भी उन्‍होंने जिला अंतर्गत स्थानान्तरण नीति को खड़ा कर सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की। मध्यप्रदेश की राजनीति से बाहर निकलकर जब एम एस अंसारी संगठन में कार्य करने पहुंचे तो उन्होंने कई प्रमुख कार्य किये और सत्ता के बाहर संगठन में अपनी विशेष पहचान बनाई है।

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