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ब्राह्मण परिवारों के साथ वर्ग भेद की राजनीति के चलते दमन और शोषण पूर्ण कार्यप्रणाली के खिलाफ महा महिम राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम सौंपा गया ज्ञापन।

 


रिपब्लिक न्यूज।।

शहडोल ।। अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद की शहडोल इकाई ने ब्राह्मण परिवारों के साथ वर्ग भेद की राजनीति के चलते दमन और शोषण पूर्ण कार्यप्रणाली के खिलाफ महामहिम राष्ट्रपति तथा राज्यपाल के नाम शहडोल कलेक्टर को आज ज्ञापन सौंपा अपने ज्ञापन में ब्राह्मण एकता परिषद ने कहा है हम सब स्वतंत्र भारत कि भारतीय संविधान के अनुरूप प्रदत्त मौलिक अधिकारों के अधीन निवासरत हैं|

 मध्यप्रदेश में दो अमानवीय घटनाओं से विशेषकर ब्राह्मण समाज बेहद आहत और स्वयं को वर्तमान राजनीतिक कारण में ठगा हुआ पाता है।

ज्ञापन में कहा की सदी की भयानक महामारी कोरोना-काल में शिवपुरी जिले में युवा विकास शर्मा को उस वक्त एक अनुसूचित जाति वर्ग के समुदाय ने पेशाब पीने पर मजबूर किया जिस वक्त उसे प्यास लगी थी और वह पानी पीने के लिए मौका स्थल पर पहुंचा था और इस सार्वजनिक घृणित अपमानजनक घटना से आहत होकर युवा विकास शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी|हमारे संगठन के महामंत्री अवधेश उरमलिया जी ने नफरत की हिंसक नीति में बलिदानी स्वर्गीय विकास शर्मा के परिवार से मिले और वस्तुस्थिति भी जानी जो वर्तमान में भी भयावह है| जिसमें औपचारिक कार्यवाही मध्य प्रदेश पुलिस ने किया किंतु उक्त परिवार को सुरक्षा व संरक्षण देने में पुलिस प्रशासन फेल रहा। इससे वह परिवार अनुसूचित जाति जनजाति के हित के लिए बने कानूनों में फंसा देने की की धमकी के चलते पूरा परिवार पलायन कर शहर में भयभीत जीवन करने को बसा है। जिसके रक्षा संदेश देना आवश्यक है। इसी तरह एक पुरानी घटना क्रम में सीधी जिले के कुबरी गांव में कथित युवा प्रवेश शुक्ला जब शराब के नशे में दलित समुदाय के ऊपर पेशाब कर रहा था, जिसका वीडियो बनाया गया था जो निंदा जनक और अमानवीय है।और उसके वायरल होने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रताड़ित दलित व्यक्ति दसमत को जिस प्रकार से तथाकथित पवित्र करने के लिए मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर पैर धोते हुए वीडियो बनवाएं और उसे वायरल करवाए उससे ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ वर्ग भेद की गलत संदेश गया है।

जबकि दशमत और प्रवेश शुक्ला दोनों ही शराब पिए हुए थे क्योंकि मध्य प्रदेश शराब नीति में बैठकर शराब पीने की जगह सुनिश्चित नहीं है इसलिए सड़क में शराब के नशे में यह नंगा नाच होता रहा, ऐसा प्रतीत होता है। जैसा कि बाद में वीडियो से दसमत ने दवा लेने की बात स्वीकारी थी? 

इसके पश्चात वर्ग विभेद हेतु सिर्फ राजनीतिक उद्देश्य पूर्ति हेतु प्रवेश शुक्ला के निर्दोष परिवार में बुजुर्ग दादी, माता-पिता उसकी पत्नी और 2 वर्ष के बच्चे को थाने में बुलाकर प्रताड़ित किया गया और बाद में शुक्ला परिवार के द्वारा बनाए गए मकान को ढहा दिया गया । वह अत्यंत खतरनाक और संविधान विरोधी निम्न स्तरीय कृत्य है।

 हम सभी ब्राह्मण जन वर्ग-भेद के शिकार विकास शर्मा और शुक्ला परिवार के साथ पुलिस और प्रशासन की इस प्रकार की राजनैतिक हित उद्देश्य पूर्ति के लिए किए गए कृत्य की अत्यंत कठोर शब्दों में निंदा करते हैं ।अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद शहडोल, महामहिम से भारत की संविधान के अनुरूप उसके मौलिक अधिकारों के संरक्षण की अपेक्षा करते हुए सार्वजनिक मान सम्मान के साथ प्रशासनिक कार्य प्रणाली के कारण हुई मानसिक प्रताड़ना के लिए राहत राशि हेतु क्षतिपूर्ति की भी मांग करता है, कि उक्त परिवारों को यथोचित सार्वजनिक सुरक्षा प्रदान करते हुए सम्मानजनक तरीके से जीवन जीने का अधिकार दिया जाए।

 इन मामलों में दोषी व्यक्तियों को खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए किंतु किसी भी हालत में निर्दोष व्यक्तियों को निहित स्वार्थ पूर्ण राजनीतिक उद्देश्य पूर्ति के लिए बलिदान ना किया जावे।

ज्ञापन देने वालों में अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के संयोजक पंडित प्रकाश तिवारी अध्यक्ष त्रिलोकीनाथ गर्ग सहित वरिष्ठ जन पं. दया शंकर शुक्ला पं. राममिलन शर्मा   पं.शंभूनाथ द्विवेदी पं.सुशील शर्मा पं.लखन पांडे।             प. शरद मिश्रा पं. गौरव द्विवेदी पं. अशोक तिवारी।            पं. अमर मिश्रा पं. चंद्रिका प्रसाद पाठक पं. मधुकर पांडे     पं. सुमित तिवारी त्रिपाठी पं. भागवत प्रसाद शर्मा।            पं. केपी शर्मा पं. अनिल शुक्ला एवं शैलेन्द्र कुमार मिश्रा आदि के साथ अन्य लोग उपस्थित रहे|

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