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खान प्रबंधन की मिली भगत से पिता के जगह पुत्र कर रहा काम।

पिता की जगह पुत्र कर रहा है काम।

एसईसीएल धनपुरी में चल रहा है मैनेजमेंट का खेल।

संबंधित माइंस अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में पिता के जगह बेटा को बैठाया।

रिपब्लिक न्यूज।।

शहडोल मुख्यालय जिला के सोहागपुर क्षेत्र धनपुरी कोल माइंस में बड़े पैमाने में मिली भगत मामले का खुलासा हुआ है जहां पर पिता की जगह पुत्र के द्वारा नौकरी काम की जा रही है। ऐसे में पुरे माइंस के अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। इस खबर में किसी फिल्मी स्टाइल से कम नहीं है और इस पूरे मामले को बेईमानी का नाम दिया गया है। और इस मामले खुलासे के लिए खनिज न्यायालय के माध्यम से आधिकारिक पुष्टि के लिए संबंधित विभाग का दौरा किया जाए, ताकि जिस पर मामले की पुष्टि हुई है और गुनहगार को सजा मिलना चाहिए।

विभागीय सूत्रों अनुसार प्राप्त जानकारी लोकेश को जान बूझकर गड्ढे की देखरेख करने भेजा जाता है।

अपाहिज पिता को बनाकर ढाल रोड सेल से अवैध वसूली कर बेटे ने किया कमाल।

हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई लेकिन वायरल वीडियो और सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार धनपुरी नंबर तीन कांटा घर में पिता की जगह पुत्र के द्वारा कार्य किया जा रहा है।

यह खबर हैरान कर देने वाली है जहां एक तरफ कोल माइंस के निजी क्षेत्र पर किसी भी अनाधिकृत व्यक्तियों का आना जाना साफ तौर पर मना लिखा है। लेकिन वही पर बेटा दूसरी तरफ पिता की जगह काम करता है यह अनोखा खेल माइंस के संबंधित कर्मचारियों पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।

क्या है पूरा मामला।

कोयलांचल नगरी तीन नम्बर धनपुरी साइडिंग के कांटा घर में पिता की जगह पुत्र का कार्य करना पूरे माइंस पर सवाल खड़े कर रहा है। सूत्रधार से प्राप्त जानकारी अनुसार पिता लोकेश तिवारी अपने पुत्र जय तिवारी से लगभग 3 वर्षों से नौकरी करवा रहा हैं बताया जाता है कि पिता लोकेश तिवारी गंभीर रूप से बीमार रहते हैं जिससे साइडिंग जाने से उन्हें काफी दिक्कत होती है पिता लोकेश तिवारी के द्वारा साईडिंग इंचार्ज के साथ मिलीभगत करके माइंस के कमियों का फायदा उठाते हुए अपने जगह पर आज लगभग 3 वर्षों से पुत्र जय तिवारी को नौकरी पर भेज रहे हैं कभी-कभार स्वयं भी जाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर महीने भर की लाखों रुपए की सैलरी उठा रहे हैं

साईडिंग इंचार्ज और मैनेजर पर उठ रहे हैं सवाल।

मामला एसईसीएल रेलवे साईडिग तीन नंबर का है जहां पर लोकेश तिवारी काटा बाबू के पद पर पदस्थ है कुछ दिनों पहले वह बीमार हो गए। और फिर खान प्रबंधन मैनेजर से सेटिंग कर अपने पुत्र को कांटा घर में काम करवा रहे हैं, जहां एसईसीएल में अन्य किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को जाना प्रतिबंधित है वही लोकेश तिवारी अपने पुत्र जय तिवारी से काम कैसे करा रहा है।

छोटी सी चूक में कोल माइंस को हो सकता है बड़ा नुकसान।

रेलवे साइडिंग कांटा घर में कर्मचारियों को बड़ी जिम्मेदारी रहती है कोल माइंस का पूरा प्रोडक्शन इसी कांटा घर से होते हुए माल वाहक बोगियों के माध्यम से संबंधित कम्पनी को सप्लाई की जाती है ऐसे में किसी भी बाहरी अनाधिकृत और गैर जिम्मेदार व्यक्ति से विभागीय कार्य कराना सीधे तौर पर कालरी की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहा है।

यदि किन्हीं कारणों से कोल माइंस के अंदर कोई दुर्घटना घट जाती है तो कैसे माइंस के अधिकारी जवाब देंगे।

कांटा घर में लगे कैमरे से खबर की हो जाएगी पुष्टि। 

इस पूरी खबर की पुष्टि के लिए साइडिंग क्षेत्र में लगे कैमरा से पुष्टि की जा सकती है वायरल फोटो में कैमरे में साफ तौर पर जय तिवारी कार्य करते हुए दिखाई दे रहे हैं ऐसे में कोल माइंस प्रबंधन पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है अब देखना यह है कि खबर के बाद प्रबंध किस प्रकार से संबंधित व्यक्ति पर कार्यवाही करते हुए संबंधित विभाग के कार्यरत कर्मचारियों के साथ साथ लोकेश तिवारी और उसके पुत्र जय तिवारी के ऊपर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी या फिर मिली भगत से मैनेजमेंट का सिस्टम बनाया जाएगा।

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