चुनाव आयोग और प्रशासन की आंखों में धूल झोंक लिया दोहरा लाभ।
अतिथि शिक्षिका का भार और जनपद पंचायत सदस्य की नाव पर सवार।
रिपब्लिक न्यूज।।
भोपाल मध्य प्रदेश के मुख्यालय जिले में आज के समय यहां प्रशासन को गुमराह करना कोई मुश्किल काम नहीं है। लोग अपने धन बल एवं पहुंच पकड़ से दूसरों के हक में डाका डालने का काम आसानी से कर लेते हैं।
ऐसा भी नहीं है कि प्रशासन को इस बात कि जानकारी नहीं है लेकिन विभाग इन सब से भी होकर प्रशासनिक व्यवस्था को संचालित करने वाले विभागों के लोग फर्जीवाड़े के खेल में एक दूसरे से मिलकर इस प्रकार के कृत्य को अंजाम देते हैं जिसके बाद प्रशासन की छवि धूमिल होती है।
इसी प्रकार का एक मामला जिले के बुढार जनपद पंचायत से सामने आया जहां पर प्रशासनिक व्यवस्थाओं को संचालित करने वाले अधिकारी एवं स्थानीय पहुंच पकड़ रखने वाले लोग अपने धन बल का प्रयोग कर प्रशासन को गुमराह करते हैं और दोहरा लाभ लेते हैं।
मामला अतिथि शिक्षक भर्ती का है जहां पर जनपद पंचायत सदस्य बने अतिथि शिक्षक।
दरअसल 23 जून 2025 को जिला कलेक्टर के यहां स्थानीय निवासी ने शिकायत करते हुए शिकायतकर्ता ने बताया है कि सावित्री पति अशोक मिश्रा वार्ड क्रमांक 6 से जनपद सदस्य के पद पर पदस्थ हैं, शिकायत करता ने बताया कि अतिथि शिक्षिका ने शासन को गुमराह कर दोहरा लाभ लिए जाने का आरोप लगाया गया है। जो की सावित्री मिश्रा जनपद सदस्य रहते हुए शासकीय हाई स्कूल खैरहनी में अतिथि शिक्षक के पद पर कार्यरत है। साथ ही जनपद सदस्य का भी मानदेय इनके द्वारा हर माह आहरित कर लिया जा रहा है।
शासन से आंख में चोली।
शिकायत पत्र में उल्लेख है कि सावित्री पति अशोक मिश्रा के द्वारा जनजाति कार्य विभाग के साथ ही निर्वाचन आयोग से धोखाधड़ी करते हुए दोहरा लाभ लिया जा रहा है जो कि अपराध की श्रेणी में आता है।
विद्यालय और जनपद में है सेटिंग।
स्पष्ट जानकारी के अनुसार सावित्री पति अशोक मिश्रा जो की हाई स्कूल खैरहनी में विगत 7 वर्षों से अतिथि शिक्षिका के पद पर हैं जो कि कई बार जनपद की मीटिंग में विद्यालय के समय पर उपस्थित रही है साथ ही इस समय पर अतिथि शिक्षक की उपस्थिति पंजीयन में भी इनके हस्ताक्षर विद्यालय में हुए हैं।
हकदारों के हक का हुआ हनन।
कथित अतिथि शिक्षिका के द्वारा जानबूझकर प्रशासन को धोखे में रखकर दोहरा लाभ लिया गया जिससे वास्तविक हकदारों के हाथ का हनन हुआ साथ ही नियम विरूद्ध तरीके से दोनों जगह से मासिक मानदेय अपने खाते में कथित व्यक्तियों के द्वारा लिया गया है।
शिकायतकर्ता की प्राथमिकी दर्ज करने की मांग।
इस मामले में कलेक्टर से शिकायत के बाद शिकायतकर्ता ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषी पाए जाने पर सावित्री मिश्रा के विरुद्ध में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है।
