रिपब्लिक न्यूज।।
शहडोल संभागीय मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूर स्थित सिंहपुर थाना अन्तर्गत क्षेत्र वर्षों से शहडोल जिला सहित आसपास के लगे इलाकों में जुआरियों के लिए लोकप्रिय, सुविधा जनक और सुरक्षित बताया जाता है। खेल।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार, दूसरे जिले के नामचीन जुआड़ी भी यहां पहुंच कर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में संचालित अवैध कारोबार का खेल सामने आ रहा हैं। बताया गया है कि, थाना क्षेत्र से लगे स्थान बदल बदल कर जुंआ फड़ का संचालन बेखौफ व बेधड़क होकर, एक लंबे अर्से से किया जा रहा है। बावजूद इसके, आज तलक केवल पुलिस को ही इसकी भनक तक नहीं? पुलिस सूचना तंत्र और मुखबिर, मानो मूकबधिर बन चुकें हैं?
बताया जाता है कि, पांच व्यक्तियों का गिरोह इस पूरे जुंआ फड़ को संचालित कर रहे हैं। जिनमें दयालु, लालू, आदेश, रामजी व जोशी नामक व्यक्तियों का नाम सामने आया है। नामचीन जुंआरी दयालु सतना जिले का जिला बदर अपराधी है, जो यहां रहकर अपने मनमाफिक ईरादों को अंजाम दे रहा है। वहीं समाजसेवी का चोला ओढ़कर लालू नामक व्यक्ति जुआरियों को ब्याज पर पैसे देने एवं पुलिस की आंखों में सुरमा लगाने का काम कर रहा। जबकि, आदेश, रामजी और जोशी जुंआ फड़ के सफल संचालन की जिम्मेदारी निर्वहन कर रहे। उक्त फड़ में लाखों के दाव प्रतिदिन लगा रहे लोग कंगाल हो रहे। तो वहीं दूसरी ओर संचालन समूह के लोग "दिन दूनी रात चौगुनी" कमाई कर मौज कर रहे हैं। वृहद रूप से संचालित यह खेल प्रति दिन, दोपहर से शुरू होकर देर रात तक सुचारू रूप से चल रहा है।
चंद मिनटों या घंटों में अत्यधिक पैसे कमाने की लालच देकर, घात लगाए बैठा यह गिरोह अपने स्पेशल ट्रिक का इस्तेमाल कर लोगों की गाढ़ी कमाई को हड़पकर उनके भविष्य को चौपट करने का काम रहा है। बताया गया है कि, अनूपपुर जिले के कोतमा से चलकर सिंहपुर पहुंच कर जोशी जैसे जुंआरी बुकी बन बैठा है। वहीं लालू अपनी गैंग बनाकर नाल वसूली का काम कर रहा है। बुकी 5 से 10 लाख रुपए लेकर बैठता है। जो नए-नए युवाओं को चंद घंटों में बर्बाद कर उनका पैसा उन्हीं को ब्याज पर देता है। इनका यह करोबार सिंहपुर थाना क्षेत्र में लगभग 6 महीनों से संचालित हो रहा है।
सिंहपुर थाना में प्रभारी से लेकर एसआई, एएसआई व दर्जन भर सिपाही व बीट प्रभारी, क्षेत्र की सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था के लिए तैनात हैं। लेकिन, यह सारे के सारे इस वृहद जुंआ फड़ से अंजान हैं, यह एक बड़ा गंभीर और विचारणीय प्रश्न है। स्थानीय जनचर्चा के मुताबिक, पुलिस का नजराना उनके तय समयावधि में बराबर पहुंच रहा है। यही वजह है कि, पुलिस अनभिज्ञ एवं मूकदर्शक सी भूमिका निर्वाह कर रही है। बहरहाल, इस विषय आरोप पर कितनी सच्चाई है, यह तो जांच का विषय है।