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 बाघ के मूवमेंट से क्षेत्र में दहशत। 

बाघ के हमले से बालिका की मौत की खबर सुनते ही विधायक शरद जुगलाल कोल पहुंचे पीड़िता के घर।

सांत्वना देकर नगद 05 हजार रूपए का सहयोग करते हुए  जनसंपर्क के मध्यम से जारी किए 10 हजार रुपए।

संजय गांधी तथा बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के करीब 20 से 25 बाघों का मूवमेंट वन विभाग अधिकारी चौधरी।

 लगातार बढ़ रहा बाघ और हाथियों का आतंक।


शहडोल// जिले के जयसिंहनगर वनपरिक्षेत्र के घियार बीट से ग्रामीण अंचल अभी हाथियों के आतंक से उबर ही नहीं पाया था कि बाघ ने एक 09 वर्षीय बालिका को मौत के घाट उतार कर पूरे क्षेत्र को दहशत में रख दिया है। हकीकत में यह क्षेत्र वर्ष भर वन्य जीवों की घुसपैठ से भयभीत रहता है।

हालत इस हद तक खराब है कि वन विभाग को वन्य जीवों के मूवमेंंट की न तो जानकारी रहती है और न कभी वे ग्रामीणों को सतर्क करने मुनादी कराते हैं, उल्टा वन विभाग ग्रामीणों से कहता है कि वन्यजीव दिखाई दें तो इसकी सूचना विभाग को दें। 

ग्रामीण क्षेत्र में हाथियों ने जम कर उत्पात मचाया और खेती बाड़ी सहित घर बार उजाडे हैं। यह घाव अभी तक रिस रहा है कि एक बिटिया काल के गाल में समा गई।  सवाल यह है कि आखिर यह सिलसिला कब तक चलेगा? विभाग अगर ग्रामीणों के लिए मदद नहीं करता तो फिर ग्रामीण खेतों में करंट लगाना क्यों छोड़ दें?

दुर्घटना क्षेत्र से जायजा लेकर टीम लौटकर आए ।

शहडोल ।। जिले के जयसिंहनगर क्षेत्र अंतर्गत करकी सर्किल घियार बीट के एक क्षेत्र में मंगलवार की शाम 9 वर्षीय बालिका पुनम सिंह अपनी दादी तेरसिया सिंह गोंड़ व अन्य लोगों के साथ  खेत पर धान काट रही थी। वह दादी से कुछ दूर पर थी अचानक  लगभग 3 बजे बालिका के चीखने की आवाज आई दादी को लगा कि शायद उसे हशिया लग गई होगी। लेकिन जब कुछ देर तक पुन: आवाज नही आई तो वह लपक कर झांकने लगी, तभी उसने देखा बालिका को बाघ लेकर भाग रहा था। उसने गुहार लगाई और आसपास के लोग एक होकर बाघ के पीछे दौड़ पड़े। बाघ कुछ दूर दौड़ने के बाद बालिका को छोड़कर भाग गया। लेकिन यह दृश्य कोई देख नहीं पाया।

सर्च करने के उपरांत मिला शव ।

इस घटना की सूचना तत्काल वन विभाग कार्यालय को दी गई अधिकारियों का अमला मौके पर पहुंचा और सर्चिंग शुरू कर दी घटना स्थल खेत से कुछ दूर जंगल में बालिका का शव पड़ा मिला। गंभीर रूप से घायल हो जाने के कारण बालिका की मृत्यु हो गई थी।ग्रामीणों में दहशत के साथ आक्रोश भी था। विभागीय अमला जंगल में घुसकर बाघ की जानकारी लेने लगा लेकिन बाघ का कहीं पता नहीं चला सर्च जारी है। ग्रामीणों मेें दहशत है कि अगर बाघ न मिला तो वह फिर हमला कर किसी की जान लेगा।

जयसिंहनगर वन परिक्षेत्र में कई बाघ घूम रहें हैं।सूत्र 

जिले के उत्तर बन मंडल के डीएफओ गौरव चौधरी के मुताबिक यह क्षेत्र संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान तथा बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान से लगा हुआ है करीब 20-25 बाघों की आवाजाही बनी रहती है इन सब की सर्चिंग जारी है। 

वन क्षेत्र अधिकारी चौधरी का कहना है कि ग्रामीणों को सतर्क रहना चाहिए अकेले जंगलों में नजाए कहीं भी वन्यजीव दिखाई दे तो इसकी तत्काल सूचना विभाग को दे अपने मवेशी बांध कर रखे समूह बना कर आना-जाना करे।

यह बड़ा सवाल यह उठता है कि यदि  वन अधिकारी कर्मचारी निरंतर वन क्षेत्रों का दौरा करें तो इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है।

ग्रामीणों का आरोप है कि जानमाल की सुरक्षा के लिए विभाग के पास कोई योजना नही रहता है।

क्या कह रहे क्षेत्रिय विधायक  ।

इस गंभीर हादसे के संबंध में क्षेत्र के विधायक शरद जुगलाल कोल ने इस  मामले  प्रतिनिधि से विशेष चर्चा के दौरान बताया कि ग्राम ठाड़ी पाथर के धवहिया टोला निवासी कु. पूनम सिंह गोड पिता महेश सिंह की गत दिवस दोपहर 2:00  बजे बाघ द्वारा हमला कर देने से आकस्मिक मृत्यु हो गई।

 जिसके दाह संस्कार के उपरांत घर पहुंच कर संवेदना व्यक्त करते हुए एवं सांत्वना देते हुए 5000 हजार की राशि नगद सहयोग कि गई और शासन द्वारा परिजनों को 04 लाख रुपए की राशि एवं मेरे जनसंपर्क निधि से 10000 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान किया गया।

विधायक कोल ने बताया कि इसके अलावा वन विभाग के आला अधिकारियो को निर्देशित किया गया है, कि निरंतर हो रही घटनाओं को कम करने हेतु सतत सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाया जाए।

इस घटना पर विधायक कोल के साथ पूर्व जनपद उपाध्यक्ष, वर्तमान जनपद सदस्य राजेश राजू तिवारी, पार्टी पदाधिकारी तथा ग्रामीण मौजूद रहे।

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