प्रबंधक और व्यापारियों के मिली भगत से हो रहा घटिया किस्म के धान खरीदी का कारोबार।
किसानों के अच्छे किस्म के धान व्यापारियों के रद्दी धान खरीदी का मिलीं भगत का खेल।
रिपब्लिक न्यूज।।
शहडोल मुख्यालय जिला उपार्जन केंद्र में संगठित खेल!
अवैध वसूली, कटौती और व्यापारियों के घटिया किस्म के धान किया जा रहा पास किसान लूटे जा रहे विभाग प्रशासन मौन!
धान खरीदी केंद्र रमसोहरा ओपन कैंप, जयसिंहनगर खरीदी केंद्र क्र. 1 व 2, जिला शहडोल (म.प्र.) में पदस्थ प्रबंधक ने संबंधित विभाग अधिकारियों के ऊपर थोपा घटिया और थर्ड ग्रेड धान खरीदी करने का आरोप।
धान उपार्जन सत्र 2025–26 में रमसोहरा उपार्जन केंद्र पर बड़े पैमाने पर हेराफेरी और वसूली का खेल उजागर हुआ है। किसानों का आरोप है कि एंट्री से लेकर तौल और स्वीकृति तक हर स्टेप पर वसूली का दबाव बनाया जा रहा है।
उधर व्यापारियों का डंठल-भरा, बदरा-मिश्रित धान बिना रोक टोक पास हो जाता है।
सूत्रों अनुसार प्राप्त जानकारी स्थानीय किसानों के गंभीर आरोप 100 बोरी पर 1,000 से लेकर 1,500 रुपये तक अवैध वसूली।
पैसा न दो तो एंट्री रोक, घंटों ट्रॉली खड़ी
3 से लेकर 5 किलो तक जबरन कटौती तौलाई, सफाई, पल्लेदारी का पैसा सरकार देती है। लेकिन धान बेचने आए किसानों से पल्लेदारी कराया जा रहा है।
पूरा सिस्टम गठजोड़ के बूते चल रहा है।
आरोप सीधे इन पर खरीदी प्रभारी निर्भय नारायण गौतम एवं सहकारी समिति प्रबंधक तीरथ प्रसाद शुक्ला।
प्रबंधक तीरथ शुक्ला से बात करने पर उन्होंने साफ कहा
अफसर जांच कर गए, सब ठीक बता दिया हम क्या करें!
यह बयान और गहरे खेल की ओर संकेत करता है।
किसानों का कहना है कि दोनों पर पुराने आरोप भी लंबित हैं, लेकिन कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
किसानों की मांग पूरे मामले की निष्पक्ष जांच गुणवत्ता निरीक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
अवैध वसूली पर FIR व तत्काल कार्रवाई तौल व भुगतान प्रक्रिया में पारदर्शिता बड़ा सवाल क्या रमसोहरा केंद्र में उपार्जन नहीं, बल्कि वसूली का ‘रेट सिस्टम’ चल रहा है?
कौन बचा रहा है मैनेजमेंट सिस्टम को?
संबंधित विभाग प्रशासन क्यों हो जाता है खामोश।
अगले अंक में प्रकाशित खुलासे और बड़े होंगे।
