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शहडोल में भ्रष्टाचार का बढ़ता कारवां मुख्य कार्यपालन अधिकारी के खरीदी ने उड़ाए सबके होश।

पेंट-ड्रायफ्रूट और फोटो कापी के बाद अब कंप्यूटर घोटाला!

 मुख्य कार्यपालन अधिकारी के खरीदी ने उड़ाए सबके होश।

पांच सेट कंप्यूटर सिस्टम के लिए खर्च किए लगभग पांच गुना कीमत कि ज्यादा रकम।

प्रशासन की पारदर्शिता पर खड़े हो रहे सवाल।


रिपब्लिक न्यूज।।

मध्यप्रदेश के शहडोल मुख्यालय के जिला में भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इससे पहले जिला मुख्यालय के शिक्षा विभाग के उच्च कार्यालय से लेकर एक स्कूल का प्रचार बड़े-बड़े भ्रष्टाचार के कारनामे को अंजाम दे चुके हैं ऐसा ही एक मामला जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से हुआ जिसमें स्मार्ट क्लास संचालित करने के लिए प्रदेश शासन के योजना पर काली पॉटी है आज भी ऐसे कई विद्यालय हैं जिनमें स्मार्ट क्लास संचालित करने के लिए छात्रों को उच्च गुणवत्ता की सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। जिले में भ्रष्टाचार का बढ़ता कारवां जिसमें विशेष रूप से

पेंट-ड्रायफ्रूट और फोटो कापी का मामला बहुचर्चित भ्रष्टाचार रहा है। इसके बाद अब एक और नया मामला शहडोल जिला के व्यौहारी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा कंप्यूटर खरीदी का घोटाला पूरे प्रदेश में छाया है! सीईओ के खरीदी ने सबके उड़ाए होश, 5 सेट कंप्यूटर सिस्टम के लिए खर्च की लाखों की रकम, प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल।

शहडोल कभी 24 लीटर पेंट में 443 मजदूर और 215 मिस्त्री लगाने का मामला, तो कभी एक घंटे में 14 किलो ड्रायफ्रूट उड़ाने वाले अफसर, इसके बाद भी चार पेज़ फोटो कापी चार हजार रुपए में कराया गया है इन चौंकाने वाले कारनामों के बाद अब शहडोल जिले में एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार यह मामला जनपद पंचायत ब्यौहारी से जुड़ा हुआ है, जहां कंप्यूटर खरीदी में घोटाले का मामला उठने लगा है।

विभागीय जानकारी अनुसार जनपद पंचायत ब्यौहारी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) कल्पना यादव द्वारा रीवा की एक फर्म से कुल 5 कंप्यूटर खरीदे गए हैं, जिन पर लगभग 4 लाख 3 हजार रुपए का भुगतान किया गया है। दो अलग-अलग आदेशों में जारी किए गए भुगतान आदेशों से यह पूरा मामला उजागर हुआ है।

एक ही दिन में दो बिल, दो दाम

पहले आदेश (क्रमांक 1268, दिनांक 16/10/2025) के अनुसार, 2 कंप्यूटर सेट खरीदने पर 1,84,788 रुपए का भुगतान किया गया, वहीं दूसरे आदेश (क्रमांक 1269, दिनांक 16/10/2025) के अनुसार, 3 कंप्यूटर सेट की कीमत 2,19,488 रुपए बताई गई है।

 यानी कुल मिलाकर 4,04,276 रुपए की खरीदी दिखाई गई है।

चौंकाने वाली बात यह है कि दोनों ही आदेश एक ही तारीख के हैं, एक ही फर्म से खरीदी की गई है, और दोनों पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत व्यौहारी की कल्पना यादव के हस्ताक्षर मौजूद हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर इतनी महंगी दरों पर कंप्यूटर खरीदने की क्या जरूरत थी, जबकि बाजार में इसी स्पेसिफिकेशन के कंप्यूटर आधी कीमत में उपलब्ध हैं।

सूत्रों की मानें तो यह खरीदी ई-भुगतान प्रक्रिया के माध्यम से की गई है, जो पंचायत दर्पण पोर्टल 5.2 पर दर्ज है। 

अब स्थानीय स्तर पर यह चर्चा जोरों पर है कि क्या यह एक योजनाबद्ध वित्तीय अनियमितता है या फिर सिस्टम की आड़ में की गई कोई स्मार्ट खरीदारी।

 इससे पहले भी शहडोल में सरकारी फाइलों में करोड़ों के काम केवल कागजों पर दिखाए गए हैं। कभी पेंट घोटाला, कभी खाद्यान्न वितरण तो कभी निर्माण कार्यों में हेराफेरी। 

लोगों का कहना है कि अगर ऐसे मामलों में समय पर जांच और कार्रवाई न की गई तो जनपदों में फैला भ्रष्टाचार एक सिंडिकेट सिस्टम का रूप ले सकता है। 

अब देखना यह है कि शहडोल जिला प्रशासन इस नए कंप्यूटर घोटाले पर क्या कदम उठाता है। क्या कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी बाकी घोटालों की तरह फाइलों में ही पेंट हो जाएगा। 

क्या कहता है संबंधित अधिकारी की पारदर्शिता जबकि इस पूरे मामले में ब्यौहारी जनपद सीईओ कल्पना यादव का कहना है कि आप अमेजान में चेक करिए और ऑनलाइन भी चेक करिए आल इन वन कंप्यूटर है तो वो आएंगे ही इतने में आई साइज है उसके साथ प्रिंटर और यूपीएस भी है, कार्यालय में सिस्टम नहीं थे इसलिए लिए गए है।

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