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पुलिस प्रशासन अधिकारी कर्मचारी पहले इंसान या पुलिस इंसान, मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती हमेशा अपने कर्तव्यों पर निष्ठावान बन कर रहे।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, शहडोल जोन, ने दिया संदेश पुलिस प्रशासन जिम्मेदार इंसान।

रिपब्लिक न्यूज।।

भोपाल /शहडोल/ पुलिस महानिदेशक मध्य प्रदेश सुधीर कुमार सक्‍सेना भा.पु.से. एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) श्रीमती अनुराधा शंकर भा.पु.से. के मार्गदर्शन में नव आरक्षकों के 38वें बुनियादी प्रशिक्षण सत्र 2023 की दीक्षांत समारोह / पासिंग आउट परेड (पी ओ पी) कार्य योजना सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। इस पीओपी में पुलिस अधीक्षक, पीटीएस, उमरिया श्रीमती प्रतिमा पटेल, रा.पु.से. एवं उनकी टीम के द्वारा उत्कृष्ट परेड का प्रशिक्षण दिया गया, जिससे पीओपी तकनीकी दृष्टि से प्रभावी और गरिमापूर्ण रही। इस प्रकार, पीटीएस उमरिया में 293 रंगरूट व्‍यवसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर आरक्षक के रूप में कर्त्तव्य परायणता से परिपूर्ण होकर अपने कर्तव्य पथ पर अग्रसर हुए। 

मुख्‍य अतिथि के रूप डी.सी. सागर, भा.पु.से., अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, शहडोल ज़ोन, शहडोल द्वारा पासिंग आउट परेड की सलामी ली गई और आरक्षकों को दीक्षांत समारोह में उद्बोधन दिया गया, उनका उद्बोधन निम्‍नानुसार रहा है :-  

उद्बोधन में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने कहा आज के दीक्षांत समारोह में उपस्थित सभी आरक्षकों को समर्पित मेरे उद्बोधन के हैं। 

1.पुलिस इंसान या इंसान पुलिस

2.Motivational Words 

3.आरक्षक के मूलभूत कर्तव्‍य

4.गीता का ज्ञान : कर्म प्रधान इंसान

5.टीम का वर्क : सफलता का अर्क

6.Smart Policing Management

7.Vision युक्‍त प्रशिक्षण यात्रा

8.संतुलित जीवन पुलिस परिवार का आधार

1.पुलिस इंसान या इंसान पुलिस 

यह अत्‍यंत हर्ष और गर्व का विषय है कि PTS उमरिया से 208 नव आरक्षक दीक्षांत समारोह के बाद अपने-अपने जिलों में विभिन्‍न प्रकार की ड्यूटियों को संपादित करने के लिए उपस्थित होंगे। जनता पुलिस से यह अपेक्षा करती है कि जब वो उनसे संवाद करें तो वह संवाद शिष्‍ट और मानवीय संवेदना से युक्‍त हो। इसी प्रकार, यदि कोई फरियादी थाने में अपनी फरियाद लेकर आता है तो उसकी फरियाद को थाना प्रभारी या अन्‍य पुलिस के अधिकारी गंभीरतापूर्वक सुनें और वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करें। अत: आप सभी लोग यह भी शपथ लेकर निकलें कि आप इंसान पहले हैं और पुलिस बाद में है। 

2 । चाह नहीं मैं सूरबाला के, गहनों में गूँथा जाऊँ,

चाह नहीं, प्रेमी-माला में, बिंध प्यारी को ललचाऊँ,

चाह नहीं, सम्राटों के शव पर हे हरि, डाला जाऊँ,

चाह नहीं, देवों के सिर पर चढ़ूँ, भाग्य पर इठलाऊँ।

मुझे तोड़ लेना वनमाली! उस पथ पर देना तुम फेंक,

मातृभूमि पर शीश चढ़ाने, जिस पथ जावें वीर अनेक। 

कालजयी राष्‍ट्रकवि माखनलाल चतुर्वेदी जी की सुप्रसिद्ध कविता पुष्‍प की अभिलाषा से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि जिस प्रकार अपने जीवन में पुष्‍प यह अभिलाषा रखता है कि यदि उसके समक्ष में दो विकल्‍पों में से एक विकल्‍प चयनित करना हो तो वो किस विकल्‍प को चयनित करेगा - 

पहला विकल्‍प : ऐसा जीवन जिसमें वैभव, विलास और चमत्‍कार हो।

दूसरा विकल्‍प : ऐसा जीवन, जिसमें देशभक्ति और सर्वस्‍व बलिदान हो।

पुष्‍प दूसरे विकल्‍प देशभक्ति और सर्वस्‍व बलिदान का ही चयन करने में गर्व और हर्ष महसूस करता है : 

मुझे तोड़ लेना वनमाली! उस पथ पर देना तुम फेंक,

मातृभूमि पर शीश चढ़ाने, जिस पथ जावें वीर अनेक।

आशा है आप पुष्‍प की अभिलाषा के मूलभूत सार को समझ गए होंगे कि आपको भी अपनी-अपनी ड्यूटी देशभक्ति और जनसेवा की निष्‍ठा से ओत-प्रोत होकर संपादित करने की न केवल अभिलाषा रखनी चाहिए बल्कि कृतसंकल्‍प होकर उसको मूर्त रूप भी देना चाहिए। जिस प्रकार पुष्‍प के द्वारा अपने जीवन में वैभव, विलास और चमत्‍कार को ठुकराकर देशभक्ति और जनसेवा को सर्वोपरि माना और अपना सर्वस्‍व कर्तव्‍य समझकर न्‍यौछावर कर दिया। ठीक उसी प्रकार, यहां POP में उपस्थित समस्‍त पुलिस के आरक्षकों से पुष्‍प की अभिलाषा नामक कविता से प्रेरणा लेने की समझाईश दी जाती है। हमारे पुलिस के जवान जो कि पुलिस संस्था की एक सशक्त रीढ़ की हड्डी भी कहे जाते हैं, उन्हें यह समझना होगा कि उनकी दीक्षा एवं ट्रेनिंग में माननीय पुलिस महानिदेशक मध्य प्रदेश, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण), PTS उमरिया के पुलिस अधीक्षक एवं अन्य सहयोगी स्टॉफ के द्वारा एक विशेष और विस्तृत प्रशिक्षण प्रबंधन आपके लिए बनाया गया है जिसके अंतर्गत आप आज प्रशिक्षण प्राप्त कर एक प्रशिक्षित पुलिस अधिकारी एवं मानव संसाधन के रूप में देशभक्ति और जनसेवा के लिए सृजित हुए हैं। इसलिए आपका दायित्व है कि आप अपनी ड्यूटी अर्थात् कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से, व्यवसायिक निपुणता से और कर्तव्य परायणता से करें। 

3.आरक्षक के मूलभूत कर्तव्‍य :  

म0प्र0 पुलिस रेगुलेशन के पैरा 64 में पुलिस सेवा की सामान्य शर्तें दी हुई हैं इनका पालन करना आरक्षक के व्यवसायिक कर्तव्य हैं। पुलिस के कार्य, शक्ति एवं कर्तव्य पुलिस अधिनियम की धारा 23 में एवं म0प्र0 पुलिस रेगुलेशन के पैरा 321 से 342 में और पैरा 596 में दिए गए हैं, जो कि इस प्रकार हैं:- 

1 -थानों की संपत्ति एवं गतिविधियों की सुरक्षा के लिए सशक्त पहरा देना।

2 -क्षेत्र में बीट व्यवस्था के अंतर्गत गश्‍त करना और अपराधों की रोकथाम में सुव्‍यवस्थित वैज्ञानिक दृष्टिकोण से एड़ी चोटी का जोर लगाना।

3 -अपराधियों की खोज और गिरफ्तारी में पुलिस अधिकारी की स्मार्ट मदद करना।

4 -सम्मन/वारंट की तमीली कुशल रणनीति के अंतर्गत करना।

5 -आपराधिक प्रकरणों से संबंधित भौतिक साक्ष्‍य के सैम्‍पल्‍स को FSL सुरक्षित पहुंचाना और सुरक्षित रिपोर्ट लेकर आना।

6 -संदिग्ध व्यक्तियों की निगरानी कर आसूचना से वरिष्ठ अधिकारी को सूचित करना।

7 -कानून-व्यवस्था एवं शांति को सुदृढ़ बनाये रखना।

8 -यातायात प्रबंधन में सक्रिय मदद और दुर्घटनाओं की रोकथाम करना।

9 -सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन में सक्रिय एवं कर्तव्यारूढ़ रहना।

10 -अन्य विभागों से समन्वय एवं सहायतार्थ सहर्ष उपलब्ध रहना। 

11 -सायबर से संबंधित अपराधों की विवेचना में मदद करना।

इन सभी कर्तव्यों के निर्वहन के लिए हमारे जवानों को जिस मूलभूत मनोवैज्ञानिक धरातल की आवश्यकता है उसमें जवानों के लिए उच्च कोटि का Motivational स्तर का होना सर्वोपरि है और यह तभी संभव है जब संस्था के वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण स्वयं की कर्तव्य परायणता और कर्तव्य निष्ठा को प्रदर्शित कर प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत करेंगे। यही एक अनुकरणीय Charismatic नेतृत्व कहलायेगा। 

4 -गीता का ज्ञान : कर्म प्रधान इंसान। 

हमारी पावन एवं प्रसिद्ध ग्रंथ गीता के उपदेशों का स्मरण करना प्रासंगिक प्रतीत होता है, उदाहरणार्थ :-

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।

मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ 

Karmanye-vadhika-raste Ma Phaleshu-Kadachana,

Ma Karma-phala-he-tur-bhuh-ma Te Sangotsva-karmani

अर्थात् हमें कर्म केन्द्रित रहना चाहिए तभी लक्ष्य की प्राप्ति स्वतः ही सामान्य प्रक्रिया के अंतर्गत होगी। आज आप दीक्षा के फलस्वरूप आरक्षक से संबंधित प्रशिक्षण में सफलता प्राप्त कर एक व्यवसायिक दृष्टि से परिपूर्ण पुलिस अधिकारी के रूप समाज में अवतरित हो रहे हैं। यह आपके अथक परिश्रम और कठोर मेहनत का ही सफल परिणाम है।

5 -टीम का वर्क : सफलता का अर्क 

यहां मैं पुलिस, जो कि एक वृहद, जीवन्त और अनुशासित संस्थान है जिसकी तुलना यदि अन्य विभागों या संस्थानों की जाये तो यह निचोड़ या सारांश परिलक्षित होता है कि हर संस्था का मूलभूत Vision होता है, Mission होता है, Objective होता है, Aim होता है, Target होता है जिनकी पूर्ति के लिए संस्था के लोग एक टीम के रूप में कार्य करते हैं। उस संस्था की टीम के सभी सदस्य मिलकर अपना-अपना निर्धारित काम निष्ठापूर्वक करते हैं और यह कहा भी जाता है कि TEAM के प्रत्येक अक्षर का गूढ़ अर्थ होता है, जैसे- T for  Together, E for Everyone, A for Achieves and M for More अर्थात् “Together everyone achieves more.” 

  6 -Smart Policing Management

आज जिस बहुमुखी प्रगतिशील परिवेश में हमारा विश्व है, हमारा देश है और हमारा प्रदेश है, उसमें Smart Management अर्थात् कुशल प्रबंधन का बहुत बड़ा योगदान है। SMART अर्थात् S for  Specific, M for Measurable, A for Achievable, R for Relevant, and T for Time-Bound. जिस प्रकार हर संस्था का एक Vision, Mission और Goal होता है  उसी प्रकार, पुलिस का भी एक Vision, Mission और Goal होता है जो कि देशभक्ति और जनसेवा से संबंधित होता है। अतः आपकी Policing Smart Management से ओत-प्रोत हो। 

7 -Vision युक्‍त प्रशिक्षण यात्रा 

आपके रंगरूट होने से लेकर आरक्षक से संबंधित दीक्षा प्राप्त करने की यात्रा में, आपने Indoor और Outdoor प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण किया है। यह सफलता तभी संभव हो सकी है, जब आपने उसमें सफल होने का एक पल-प्रतिपल लक्ष्य बनाकर, उसके अनुरूप कमर कसकर अथक मेहनत की। इन्हें आप प्रशिक्षण के मूलभूत Vission, Mission, Objective, Aim, Target भी मान सकते हैं, जिनकी प्राप्ति आपके कर्तव्यनिष्ठ, कर्तव्यारूढ़ और कर्तव्य परायण होने का अमिट परिचायक है। यह प्रशिक्षण आपको अपनी ड्यूटी को निष्ठापूर्वक, कर्तव्यपरायणता और सूझबूझ से संपादित करने में निश्चित ही मददगार साबित होगा। 

8 -संतुलित जीवन पुलिस परिवार का आधार

साथ ही हमारे जवान सदैव अपने जीवन में स्वस्थ और फिट रहें जिसके लिए उन्हें संतुलित आहार और नियमित व्यायाम करने की जीवन-शैली को स्वयं भी अपनायें और अपने परिवार के सदस्यों को भी अपनाने की प्रेरणा दें। 

अतः मेरी कामना है कि। 

सर्वे भवन्‍तु सुखिन:। सर्वे सन्‍तु निरामया:।।

सर्वे भद्राणि पश्‍चन्‍तु। मा कश्चित् दु:ख भाग ।

अर्थात् सभी सुखी रहें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी का जीवन मंगलमय बनें और कोई भी दुःख का भागी न बने। 

यहां मेरी कुछ और शुभकामनाएं भी हैं, जो इस प्रकार हैं :  

1. आप कभी भी, किसी भी परिस्थिति में भ्रष्‍टाचार, अनाचार, कदाचार न करें। अपनी - अपनी ड्यूटी को निष्‍ठापूर्वक, ईमानदारी से, जवाबदारी से और व्‍यवसायिक निपुणता से संपादित करते रहें। 

2. सोशल मीडिया, इंटरनेट और अन्‍य किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहें। 

3. यातायात के नियमों का पालन करें, दुपहिया वाहन हेलमेट पहनकर चलायें और चार पहिया वाहन में सेफ्टी सीट बेल्‍ट लगाकर ही वाहन चलायें एवं वाहन में बैठें।  

4. इसी प्रकार, आप अपने परिवार के साथ शांतिपूर्ण एवं सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में प्रशन्‍नता के साथ रहें जिससे आपके बच्‍चे उच्‍च कोटि के संस्‍कार , उच्‍चकोटि की शिक्षा प्राप्‍त कर सफल हों और आपका आपके परिवार का अपने देश और प्रदेश का नाम रोशन करें। 

मैं अपनी ओर से दीक्षांत समारोह में दीक्षा प्राप्त कर अपने व्यवसायिक कर्तव्य पथ पर जाने वाले सभी आरक्षकों को अपने हृदय की गहराईयों से आपको बधाई देता हॅूं और आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए अनंत शुभकामनायें देता हूँ। 

अंत मैं आभारी हूँ, आदरणीय DGP सर का और आदरणीय मैडम ADGP (Training) का, कि उन्होंने मुझे PTS उमरिया के इस भव्य सफल और यादगार दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने का अवसर प्रदान किया। 

अंत में सभी के हौसला अफजाई के लिए एक सुप्रसिद्ध कविता की चंद लाईनें इस प्रकार हैं :- 

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती,

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,

चढ़ती दीवारों पर सौ सौ बार फिसलती है।

मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,

चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना नहीं अखरता है।

आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

धन्‍यवाद जय हिंद। 

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