पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय, शहडोल में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और एक्वा एक्सपो का भव्य समापन समारोह
पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय, शहडोल के मात्स्यिकी विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं एक्वा एक्सपो का समापन 06 मार्च 2025 को भव्य रूप से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का मुख्य विषय जलकृषि में नवीनतम रुझान रहा जिसमें देश-विदेश के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, विषय-विशेषज्ञों और छात्रों ने भाग लिया।
रिपब्लिक न्यूज़।।
शहडोल मुख्यालय जिला के पंडित शंभू नाथ शुक्ल विश्वविद्यालय के मात्स्यिकी विभाग ने कार्यक्रम आयोजित किया इस कार्यक्रम समापन समारोह की मुख्य अतिथि सुरभि गुप्ता आयुक्त शहडोल संभाग रहीं, जिन्होंने अपने उद्बोधन में मत्स्य पालन उद्योग की आधुनिक तकनीकों और इसके सतत विकास की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन आजीविका का सशक्त साधन बन सकता है और इस क्षेत्र में नवाचार एवं अनुसंधान से आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर समारोह की अध्यक्षता प्रो. रामशंकर (कुलगुरु, पं. शंभू नाथ शुक्ला विश्वविद्यालय शहडोल) ने की।
उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा इस सम्मेलन के सफल आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि "यह अंतररास्ट्रीय सम्मेलन मत्स्य पालन क्षेत्र में नए अवसरों को खोजने और युवाओं को इस क्षेत्र से जोड़ने का माध्यम बनेगा।"
इस तीन दिवसीय सम्मेलन में विभिन्न सत्रों के दौरान मत्स्य पालन की नवीनतम तकनीकें, जलीय जीवों की प्रजातियों के संवर्धन, जल प्रबंधन, जैव विविधता संरक्षण और टिकाऊ विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए और छात्रों को इस क्षेत्र में नवाचार करने हेतु प्रेरित किया।मत्स्य पालन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन: नवीनतम प्रवृत्तियों पर चर्चा एवं विभागाध्यक्ष प्रो अमित कुमार निगम ने कहा व्यावसायिक दृष्ट्रिकोण बढ़ावा देने के लिए यह सम्मलेन मील का पत्थर साबित हुआ।
पहला दिन (04 मार्च 2025) उद्घाटन सत्र और एक्वा एक्सपो का शुभारंभ हुआ जूलॉजी स्मार्ट क्लास में विभिन्न शोध प्रस्तुतियाँ दी गई जिनमे प्रमुख वक्ताओं में डॉ. दिलीप कुमार, डॉ. ओसविन डी स्टेनली (म्यांमार), डॉ. राजीव कुमार झा (चीन) शामिल हुए.
दूसरा दिन में प्रथम टेक्निकल सत्र (05 मार्च 2025) मौखिक प्रस्तुतियाँ और युवा वैज्ञानिकों के शोध पत्रों का प्रदर्शन किया गया मुख्य वक्ता डॉ. श्याम नारायण लब (नेपाल), डॉ. रामानंद मिश्रा (नेपाल), डॉ. बिनय कु. चक्रवर्ती (बांग्लादेश) आदि थे तीसरे दिन के टेक्निकल सत्र (06 मार्च 2025) को मुख्य वक्ता डॉ. निर्मल चंद्र राय (इंडोनेशिया), डॉ. अरविंद्र कुमार (ओडिशा), डॉ. अपूर्व कृष्णा देब (कनाडा) के बाद समापन सत्र का आयोजन किया गया , प्रमाणपत्र एवं पुरस्कार वितरण किये गए।
सम्मेलन में जिनमे देश -विदेश से 90+ पंजीकरण हुए जिनमे 55+ शोध सारांश प्रस्तुत किये गए , एक्सपो में 350 + विज़िटर एक्सपो का आनंद लिया महत्वपूर्ण विषय: मैंग्रोव संरक्षण, स्वदेशी ज्ञान, महासागर मत्स्य पालन, जैव विविधता संरक्षण पर मंथन किया गया यह सम्मेलन मत्स्य पालन और जलीय पारिस्थितिकी तंत्र में नवीनतम तकनीकों एवं अनुसंधानों पर विचार-विमर्श के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा। सम्मेलन के दौरान एक्वा एक्सपो का भी आयोजन किया गया, जिसमें नवीनतम मत्स्य पालन तकनीकों, उपकरणों, फीड, और उन्नत अनुसंधान पद्धतियों का प्रदर्शन किया गया। प्रतिभागियों ने इस एक्सपो को बेहद उपयोगी बताया।सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए आयोजक समिति, छात्र नेताओं एवं स्थानीय सलाहकार बोर्ड के सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर उत्कृष्ट शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले छात्रों और विशेषज्ञों को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रह कर मनोबल बढ़ाया डॉ. आशीष तिवारी (कुलसचिव, पं. शंभू नाथ शुक्ला विश्वविद्यालय) डॉ. वंदना राम आयोजन सचिव मत्स्यिकी विभाग) डॉ. योगिता एवं डॉ. शिवानी शर्मा (संगठन समिति सदस्य) स्थानीय सलाहकार बोर्ड के सम्मानित सदस्य प्रो. प्रवीण शर्मा, प्रो. प्रमोद पांडेय, प्रो. एम.के. भटनागर, प्रो. गीता सराफ प्रो. सुनीता वाथरे, डॉ मनीषा तिवारी, डॉ नीलिमा खरे, डॉ एच एल मरावी, डॉ चेतना सिंह, डॉ अनिल कुमार गुप्ता, डॉ गंगाधर डोके आदि थे।
कार्यकम में प्राध्यापक, सह-प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक विश्वविद्यालय के कर्मचारी, और सैकड़ो की संख्या में छात्र -छात्राएं एवं अभिभावक, गणमान्य नागरिक, जनपरिषद, नेचर डॉप, चिरायु अस्पताल, चमन लाल सेठिया, श्री लक्ष्मी राइस मिल, स्मार्ट डोर सेंटर के प्रायोजक पत्रकार बधुओं की उपस्थिति थी।कार्यक्रम का संचालन डॉ ममता प्रजापति, सहायक प्राध्यापक रसायन शास्त्र ने किया।आयोजन समिति में डॉ. उमा सिंह, डॉ. ममता प्रजापति, डॉ. योगिता बसने, डॉ. मौशमी कर, डॉ. शिवानी शर्मा, डॉ. पूजा गौर, आदि ने विशेष सहयोग दिया। छात्र नेतृत्व टीम: पुष्पा केवट, पुष्पराज सिंह मार्को, तंजीन खान, अफसान खान, किरण सिंह, महिमा सिंह कंवर, आदि ने विशेष सहयोग दिया।
